Khali Kuon Ki Katha
Shortlisted | Book Awards 2020 | Translated into Hindi
Khali Kuon Ki Katha ()
पंजाबी के वरिष्ठ लेखक अवतार सिंह बिलिंग का उपन्यास ‘ख़ाली कुओं की कथा’ कैनेडा में स्थापित अंतर्राष्ट्रीय ढाहां पुरस्कार सेे वर्ष 2014 में नवाज़ा गया जिसके अंतर्गत लेखक को 25,000 कैनेडियन डॉलर की पुरस्कार राशि भी प्रदान की गई। यह उपन्यास अपने शक्तिशाली वृत्तांत और सांस्कृतिक प्रस्तुति के माध्यम से (पंजाब के) उन सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक परिवर्तनों पर भरपूर प्रकाश डालता है जो पंजाब ने देखे-झेले। उपन्यास में बुनी गई चार पीढि़यों की कहानी के अंदर गुंथी कथात्मक प्रस्तुति अपने आप में विलक्षण प्रभाव निर्मित करती हुई एक साझे (ग्रामीण) परिवार की आपबीती सच्ची कथा भी प्रतीत होती है। यह उपन्यास अपनी यथार्थवादी पात्र-सर्जना और भाषा के कलात्मक प्रयोग के कारण भी एक उत्तम रचना है जिसमें से पंजाब के एक अंचल ‘ढाहा’ का स्थानीय सभ्याचार जीवंत रूप में प्रगट होता है।’ भारत का उत्तरी-पश्चिमी प्रांत पंजाब जो कितनी जे़हमतों के बावजूद सदियों से अपनी सच्चाई, श्रम-संस्कृति, भाईचारे की सांझ और खुशहाली के लिए जाना जाता रहा है, आज बंजर क्यों बन रहा है? उपन्यास का केन्द्रीय पात्र चरन सिंह तो इतनी शक्ति रखता था कि वह जंगल-बियाबान को भी खेती-योग्य बना लेता। पर उपन्यास के मध्य में मिट्ठी नानी अपने सूखे कुएँ के बारे में सुनकर सुन्न हो जाती है। ऐसा आलम क्यों छा रहा है? यह उपन्यास इन प्रश्नों के उत्तर तलाशने का यत्न करता है। भाषा और शिल्प में आँचलिकता का पुट लिए यह उपन्यास अपनी पठनीयता में एक बेजोड़ उपन्यास है।
Review Khali Kuon Ki Katha.