दून विश्वविद्यालय में गौरा देवी के सेमीफाइनल का हुआ सफल आयोजन।
गत 4 दिसंबर को दून विश्वविद्यालय ने गौरा देवी राष्ट्रीय वाद विवाद प्रतिगोगिता का सेमी फाइनल का आयोजन किया। टर्न कोट के प्रारूप को मानते हुए प्रतिभागियों ने अपने विचार लैंगिक सशक्तिकरण मानव अधिकारों के सार्थक अनुप्रयोग से पहले है पर दिए। विभिन्न विश्वविद्यालय के छात्रों ने सेमी फाइनल में प्रतिभाग किया ।
इस द्विभाषीय प्रतियोगिता के तीसरे चरण में, कुल 17 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का सफल संचालन दून विश्वविद्यालय की माननीय कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल की अध्यक्षता में हुआ। कुलपति महोदया ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को इस प्रतियोगिता का प्रायोजक बनने के लिए भी धन्यवाद दिया ।
इस कार्यक्रम में, डा संजीव चोपड़ा ( डायरेक्टर वैली ऑफ वर्ड्स) ने ऑनलाइन जुड़कर प्रतिभागियों का मनोबल बढ़ाया ।
इस उत्कृष्ट उपलब्धि को मान्यता देते हुए, समारोह का मुख्य उद्देश्य छात्रों में बहुर्मुखी विचार-विमर्श को बढ़ावा देना और मानवीय अधिकार और मूल्यों पर उच्च स्तरीय बहस को प्रोत्साहित करना था।
संचालनकर्ताओं ने इस समारोह को उच्च स्तरीय और उत्साहजनक बनाने के लिए प्रशंसा की, जिसने विभिन्न राष्ट्रीय स्तर पर विद्यार्थियों को एक साथ आने का मौका दिया।
इस कार्यक्रम के निर्णायक मंडल के सदस्य के तौर पे दून विश्वविद्यालय के डॉ अंचलेश् डावरे, पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधन विभाग,डॉ माला शिखा , स्पेनिश विभाग ,डॉ शैंकी चंद्रा ,चाइनीज विभाग ने अपनी गरिमामय उपस्थिति दर्ज करायी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की सांकृतिक समन्वयक डॉ चेतना पोखरियाल और डॉ अजीत पवार भी उपस्थित थे।
वाद विवाद प्रतियोगिता का अंतिम चरण दून विश्विद्यालय में ही, 10 दिसम्बर 2023 को राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर आयोजित होगा।
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