Mapping the Indian States
VoW 2020 / Sessions / November 20 / Mapping the Indian States
VoW 2020 | November 20 – 12:30 pm to 1:30 pm | Savoy Writers' Bar | Miscellaneous
Mapping the Indian States
Sanjeev Chopra in conversation with Monika Dhami and Gauri Parashar Joshi
Report
Session 8 Misc-1
Mapping of Indian States
वैली ऑफ वर्ड के प्रथम दिन के मैपिंग ऑफ स्टेट विषय के सत्र में मोनिका धामी ,गौरी पराशर जोशी और डॉ. संजीव चोपड़ा ने अपने-अपने विचार रखे| विषय की गम्भीरता और प्रासंगिकता पर विचार रखते हुए वक्ताओं ने कहा कि मानचित्र एक देश के आन्तरिक व बाहरी, राजनीतिक व सामाजिक मामलों में मुख्य भूमिका निभाते है। प्रत्येक देश व राज्य के मानचित्र से ही उसकी सभी चुनौतियों का सामना और उत्थान हो सकता है | उन्होंने कहा कि राज्य का विभाजन भाषा को आधार मानकर होना चाहिए और ऐसा ही भारत में हुआ भी है। भाषा आधारित राज्य विभाजन से बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर, महात्मा गांधी, सरदार बल्लभ भाई पटेल और जवाहर लाल नेहरू भी ताल्लुकात रखते थे | डॉ. संजीव चोपड़ा ने बताया कि एक बार डॉ. अम्बेडकर के पास एक सिख प्रतिनिधि दल पहुँचा जो सिखों के लिए एक अलग राज्य की मांग कर रहा था। उस पर उन्होने कहा कि मैं भाषा (पंजाबी) के आधार पर विभाजन में विश्वास रखता हूँ तथा इसमें ही सहयोग कर पाऊँगा |
वहीं जब गौरी जोशी ने राष्ट्रभाषा और अलग- अलग भाषाओं पर बात की, तब उनका उत्तर देते हुए डॉ. चोपड़ा ने कहा करंसी में भी अनेकों भाषाएं लिखी है। सभी भाषाएं एक प्रकार से राष्ट्र भाषा ही है और वैसे भी एक भाषा का एक राज्य हो, यह जरूरी नहीं, उस भाषा के वक्ताओं की संख्या के अनुसार राज्यों की संख्या भी बढ़ सकती है | साथ ही वक्ताओं ने कहा कि देश में हिन्दी भाषी लोगों की संख्या बढ़ रही है, क्योंकि दक्षिण भारतीय लोग बड़ी संख्या में उत्तर भारत में आकर कार्य करते हैं | इस सत्र में वक्ताओं ने मुख्य रूप से भाषा के आधार पर मैपिंग पर जोर दिया|
उस पर उन्होने कहा कि मैं भाषा (पंजाबी) के आधार पर विभाजन में विश्वास रखता हूँ तथा इसमें ही सहयोग कर पाऊँगा |