
काव्य स्वर
VoW 2020 / Sessions / November 20 / काव्य स्वर
VoW 2020 | November 20 – 4:45 pm to 5:45 pm | Savoy State Room | Poetry
काव्य स्वर
बुनिनाथ नमश्र, लक्ष्मी शंकर बाजपेयी, रंजीता ससंह, कु मुददनी नौटियाल, जे॰ पी॰ पाण्डे, ममता दकरन, अनूप भार्ाव अध्यक्ष: लीलाधर जर्ूड़ी
Introduction
Kaavya Swar:
Buddhinath Mishra, L S Bajpai, Ranjita Singh, Kumudini Nautiyal, J. P. Pandey, Mamta Kiran, Anoop Bhargav
Chair: Leeladhar Jagudi
Report
Session 16, HI-3 L काव्य स्वर
वैली ऑफ वर्डस के द्वारा ऑनलाइन आयोजित कवि सम्मेलन काव्य स्वर में कवियों ने अपनी रचनाओं से सबका मनमोह लिया। इस अवसर पर संचालन कर रहे लक्ष्मी शंकर बाजपेयी ने कहा कि कविता को मनुष्य की मातृभाषा कहा गया ह कविता को मानव की आखिरी उम्मीद कहा गया है, कविता मानव तन का प्राण है।
अपने काव्य पाठ में कुमुदनी नौटियाल ने बाल श्रमिकों, महिलाओं और बेटियों की वर्तमान स्थिति पर कटाक्ष किया, अनूप भार्गव जी जोकि अमेरिका से जुड़े थे उन्होंने श्रृंगार रस की क्षणिकाओं से कवि सम्मेलन में चार चांद लगा दिए। काव्य पाठ के इस क्रम में ममता किरण ने प्रेम को आधार बनाकर कविता को प्रस्तुत किया, रंजीता सिंह जी ने भी महिलाओं की वर्तमान परिस्थिति और प्रेम पर काव्यपाठ किया।
कार्यक्रम के आखिरी पड़ाव में जयप्रकाश पाण्डे ने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर एक नन्हें पौधे को केंद्र मानकर कविता का चित्रण किया, कवि सम्मेलन का संचालन कर रहे लक्ष्मी शंकर बाजपेयी जी ने संकेतों की भाषा शीर्षक पर अपनी कविता प्रस्तुत की और कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ कवि बुद्धिनाथ मिश्रा ने अपने गीत फूल झरे जोगिन के द्वार और अन्य रचनाओं से सबका मनमोह लिया।
17:20 कार्यक्रम आरंभ
लक्ष्मी शंकर वाजपेई कार्यक्रम को संचालित कर रहे हैं |
बुद्धिनाथ मिश्र की अध्यक्षता में |
17:22 अनूप भार्गव को कविता पाठ हेतु आमंत्रण
शीर्षक “कविता बनी” कविता का पाठ (17:27)
मैंने कई बार कोशिश की… कविता पाठ (17:29)
17:30 ममता किरण को कविता पाठ हेतु आमंत्रण
पेशा- पत्रकारिता, रुचि- कविता
शीर्षक “हिस्सा” कविता का पाठ (17:31)
शीर्षक “इंतजार” कविता-पाठ (17:34)
“आंगन का सजर” प्रकाशित किताब के कुछ गजल व शेर सुना रही हैं.. (17:36)
17:40 रंजीता सिंह को कविता पाठ हेतु आमंत्रण
बिहार पर लिखी कविता सुना रही हैं.. (17:41)
सामाजिक प्रतिरोध पर लंबी कविता (17:46)
स्त्री-व्यथा पर कविता (17:49)
17:50 जय प्रकाश पांडे को कविता पाठ हेतु आमंत्रण
सामाजिक सरोकार पर लिखते हैं
“तुम बड़े हो रहे हो” नामक शीर्षक का कविता पाठ (17:51)
17:53 अचानक लाइव स्ट्रीम ऑफलाइन हो गया
18:00 कुमुदिनी नौटियाल को कविता पाठ के लिए आमंत्रण
कुमुदिनी नौटियाल अपनी कविताएं सुनाते हुए
प्रेम, क्रांति, सामाजिक सरोकार की कविताएं लिखती हैं
18:10 बुद्धिनाथ मिश्र को कविता पाठ के लिए आमंत्रण
शरद ऋतु पर गीत सुनाते हुए (18:15)
धान व किसान पर गीत सुनाते हुए (18:20)
18:25 समापन
विविध रंगों की गीतों, कविताएं व ग़ज़लें के बाद सेशन का समापन
– Rupesh